रेल लाइन की जद में आने वाले प्रस्तावित गांवों का करें पूर्ण विस्थापनःजोत सिंह बिष्ट

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक व थौलधार के पूर्व प्रमुख जोत सिंह बिष्ट ने अपर जिलाधिकारी से मिलकर प्रस्तावित डोईवाला-गंगोत्री रेल लाइन के निर्माण में आने वाले धरवाल गांव, सुनार गांव, भंगर और कंडार गांव के पूर्ण विस्थापन की मांग की है। शनिवार को आप नेता बिष्ट ने एडीएम रामजी शरण शर्मा को ज्ञापन सौंपकर बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए डोईवाला से रेल लाइन प्रस्तावित है। डीपीआर के तहत रेलवे स्टेशन लंबाई 900 मीटर और चौड़ाई 100 मीटर बताई जा रही है। इसके निर्माण के लिए कंडीसौड़ तहसील के ग्राम धरवाल गांव, सुनार गांव के सभी परिवारों की 80 प्रतिशत भूमि को अधिग्रहण की संभावना है। ऐसी दशा में गांव के लोग भूमिहीन हो जाएंगे। बताया कि उक्त चारों गांवों की भूमि टिहरी-उत्तरकाशी मोटर मार्ग, चंबा-धरासू हाईवे और फिर टिहरी बांध के कारण अधिग्रहण की गई। यही नहीं वर्तमान में ऑल वेदर परियोजा में भी गांव के जमीन अधिग्रहण की गई। अब चारों गांवों की बची जमीन पर रेल लाइन प्रस्तावित है। कंडीसौड़ में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन और सरोट गांव को भी अधिग्रहण किए जाने की योजना है। हालांकि चारों बार अधिग्रहण के समय 50 प्रतिशत से कम भूमि अधिग्रहण होने के कारण यहां के परिवार विस्थापन की श्रेणी में नहीं आ पाए। अब रेल लाइन में भी ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहण के बाद उन्हें मुआवजा तो मिल जाएगी लेकिन उनकी खेती योग्य जमीन खत्म हो जाएगी। उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजा देने के बजाय टिहरी बांध विस्थापितों की तर्ज पर ग्राम पंचायत धरवाल गांव, सुनार गांव, भंगर और कंडार गांव के सभी परिवारों को भूमि के बदले कृषि भूमि आवंटित करने की मांग की है।

जोत सिंह बिष्ट इससे पहले टिहरी जिले में कांग्रेस की रीढ़  मानी जाती थी जो किन्हीं कारणों से आप पार्टी में शामिल हो गए लगातार सामाजिक जन्म मुद्दों को उठाने वाले जोत सिंह बिष्ट ने भी अब रेलवे लाइन में प्रस्तावित गांव के विस्थापन के बारे में मांग की है और कहा कि जिस तरह से अन्य योजनाओं में गांव का विस्थापन करने की प्रक्रिया है उसी आधार पर इन गांव का विस्थापन करें जिससे सामाजिक ताना-बाना खराब ना हो

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