जोशीमठ नगर से लगभग 61 किलोमीटर आगे भारत तिब्बत की सरहद से लगा हुआ मलारी गांव को जोड़ने वाले पुल जोकि कुंती नाले में बना हुआ है में आज सुबह लगभग 7:30 बजे भारी एवलांच आया है
बता दें कि मलारी गांव भोटिया जनजाति के लोगों का गांव है जो यहां पर गर्मियों के सीजन में मात्र 6 महीने निवास करते हैं और सर्दियों की दस्तक के साथ ही अक्टूबर महीने में अपने तराई वाले घरों में रहने चले जाते हैं
आजकल गांव में कोई भी ग्रामीण निवास नहीं करता है, मलारी गांव से लगभग 1 किलोमीटर पहले आर्मी की चौकी भी स्थित है
बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि एवलांच लगभग सुबह 7:30 बजे आया है लेकिन यह बहुत ही छोटी मात्रा का Avalanche था जिस कारण से बीआरओ के पुल या ग्रामीणों के मकान आदि को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है कहा कि बीआरओ की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले लिया है और सब कुछ ठीक-ठाक है
मल्हारी गांव जोकि जोशीमठ नगर से लगभग 61 किलोमीटर आगे स्थित है से ही भारत तिब्बत बॉर्डर पर स्थित नीति और रिमझिम पास को जाया जाता है