THDC ने धूमधाम से मनाया 36वां स्थापना दिवस,12 जुलाई 1988 को रखी गई थी टिहरी डैम की नींव,ईडी एलपी जोशी को मिला गौरव सम्मान

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टिहरी बांध परियोजना आज अपना 36 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मना रहा है स्थापना दिवस

गौरव सम्मान
गौरव समान
स्थापना दिवस मनाते हुए दीप प्रज्वलित करते
स्थापना दिवस के शुभारंभ पर दीप प्रज्वलित करते हुए

के उपलक्ष पर आज संध्या रात्रि में अनेकों तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए जिसमें सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए,

आपको बता दें कि 12 जुलाई 1988 को टिहरी बांध बनाने के लिए नींव रखी गई और आज टिहरी बांध परियोजना बन के तैयार है जिससे  बिजली का उत्पादन होता है, इस उपलक्ष पर टिहरी बांध परियोजना के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़े धूमधाम से संध्या रात्रि कार्यक्रम किया जिसमें अनेकों रंगारंग कार्यक्रम किए गए जिसमें केदारनाथ से लेकर उत्तराखंड के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए और उन लोगों को भी याद किया गया जिन्होंने टिहरी बांध बनाने में अपना जीवन समर्पित कर दियाटिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक लक्ष्मी प्रसाद जोशी ने कहा कि टिहरी बांध परियोजना का निर्माण 12 जुलाई 1988 से शुरू हुआ और उस समय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उपक्रम बना था उस समय हमारे पास एक ही परियोजना थी टिहरी बांध परियोजना को बनाने के लिए यह यह कारपोरेशन बनाया गया था और उसके बाद हमने जो प्रगति की है आज हम इस स्थिति में हैं कि हम  पावर सेक्टर में  उर्जा के सभी में हमने वेंचर आउट किया है हम लोग अभी खुर्जा में थर्मल प्लांट का भी कमीशनिग किया  हैं उसके साथ साथ एक महत्वकांक्षी परियोजना पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है उसका भी हम जल्द ही पहली यूनिट इस साल के अंत तक कमिश्निंग करने में सक्षम रहेंगे, इसके साथ-साथ हमने पवन ऊर्जा ,सोलर एनर्जी में कार्य कर रहे हैं और निरंतर आगे बढ़ रहे हैं टिहरी बांध परियोजना के बने हुए 35 वर्ष हो चुके हैं और 36 वां वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं इन 35 वर्षों में हमने बहुत प्रगति की है इस ऊर्जा के क्षेत्र में आज टीएचडीसी का बहुत बड़ा नाम है और देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय देशों में भी टिहरी बांध परियोजना ने अपनी छाप छोड़ी है

अधिशाषी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि आपदा के समय में सभी को ध्यान होगा कि 2013 की आपदा में टिहरी बांध परियोजना ने मैदानी क्षेत्रों बाढ़ आने से  बचाने का पूरा काम किया 2013 में  पहाड़ों से जो आपदा आई थी उसको टिहरी बांध परियोजना ने रोक के रखा

हिमाचल प्रदेश में आज जितने बारिश और बाढ़ आ रही है उससे हिमाचल प्रदेश के जितने भी पावर स्टेशन हैं उनमें से चार पांच प्लांट बंद हो गए हैं क्योंकि उसमें सिल्ट की मात्रा बहुत होती है इसलिए प्लांट को बंद करना पड़ता है और हमारे पास जो टिहरी का डैम है इसमें सिल्ट की किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है इसलिए हम आज भी सक्षम हैं कल हमने 750 मेगा वाट बिजली नार्थ ग्रिड को दिया,  आज  टिहरी झील का इस तक 777.10 आर एल मीटर है और हम दिन में 5 से 6 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहे  हैं क्योंकि अभी तक उत्तराखंड सरकार से टिहरी डैम की झील भरने के लिए 830 आर एल मीटर  भरने की अनुमति है और जब 815 आर एल मीटर के आसपास पहुंचेगा उस समय चारो टरबाईन ऑपरेट करते हैं,  उस समय हम चारों मशीनों को चलाने में सक्षम होते हैं

अधिशासी निदेशक लक्ष्मी प्रसाद जोशी ने स्थापना दिवस पर सभी टीएचडीसी परिवार और सभी कर्मचारियों को बधाई दी कि आज हम 36 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं,

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