उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनाई ने उत्तराखंड के जन संगठनों की ओर से मूल निवास को लेकर आहूत की गयी 24 दिसम्बर की रैली को समर्थन दिया है। कहा कि रैली में उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ता शिरकत करेंगे। कहा कि सरकार को चाहिए कि 1950 के आधार पर राज्य में मूल निवास की व्यवस्था को बहाल करें। वहीं सख्त भू-कानून भी उत्तराखंड की मांग है।
शुक्रवार को पत्रकार वार्ता करते हुए उजपा के केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री धनाई ने कहा कि वर्तमान में 40 लाख लोग स्थाई निवास बनाकर राज्य के संसाधनों पर डाका मारे हुए है। उनका पार्टी का एकमात्र ध्येय भी मूल निवास लागू करना है। कहा कि 24 दिसंबर को देहरादून में होने वाली रैली ऐतिहासिक होगी। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इस आंदोलन के लिए जन सहयोग की अपील की है। जिसका परिणाम हुआ कि धामी सरकार को राज्य में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिए स्थाई निवास की बाध्यता खत्म की गई है। साथ ही मूल निवास के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया है। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। धनाई ने कहा सख्त भू-कानून उत्तराखंड में बनाया जाना चाहिए। उद्योग लगाने वालों के लिए भी यह बाध्यकारी करें कि जमीन देने वालों को वह रोजगार देंगे, उल्लंघन करने पर उनकी रजिस्ट्री निरस्त की जाए। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के विधायकों से अपील की कि मूल निवास के मुद्दे पर सभी एकजुट हों। तभी उत्तराखंडियत बच सकती है। टिहरी में मेडिकल कॉलेज के सवाल पर धनाई ने कहा कि अभी शादी भी नहीं हुई और हम बच्चे के नामकरण की बात करने लगे। अच्छा होता पहले जीओ जारी किया जाता। इस मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष गोविंद बिष्ट, शहर अध्यक्ष प्रताप गुसाईं मौजूद रहे।